
“पकौड़ा मत खा बेटा, कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाएगा!”
मां के इस वाक्य से शुरुआत होती है भारतीय स्वास्थ्य ज्ञान की — जो अक्सर WhatsApp University से प्रमाणित होता है।
लेकिन जरा रुकिए, क्या वाकई कोलेस्ट्रॉल सिर्फ बुढ़ापे की बीमारी है?
अब नहीं। युवाओं में हाई कोलेस्ट्रॉल एक खामोश बम की तरह है — दिखता नहीं, पर धमाका कर देता है।
कोलेस्ट्रॉल क्या है?
कोलेस्ट्रॉल शरीर में मौजूद एक वसायुक्त “जेल जैसा” पदार्थ है, जो हर कोशिका में पाया जाता है। इसकी मदद से बनते हैं हार्मोन, पाचन रस और सेल की सुरक्षा कवच। मतलब, ये VIP मेंबर है — बस ज़्यादा हो जाए तो दिक्कत है।
अच्छा-बुरा कोलेस्ट्रॉल: कौन है असली विलेन?
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HDL (High-Density Lipoprotein) = “हीरो”, यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल जो खून की नालियों की सफाई करता है।
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LDL (Low-Density Lipoprotein) = “विलेन”, जो धमनियों में जमा होकर प्लाक की चटाई बिछा देता है।
जब LDL हावी हो जाता है, तो ब्लड फ्लो रुकता है, ऑक्सीजन की कमी होती है और फिर — हार्ट अटैक की गुंजाइश!
कोलेस्ट्रॉल क्यों बढ़ता है?
“जब दिल फ्रेंच फ्राइज को देखकर धड़कने लगे, तो समझो कुछ गड़बड़ है।”
मुख्य दोषी:
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ट्रांस फ़ैट और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड्स (जैसे मैगी, बर्गर, पैकेट वाले स्नैक्स)
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बार-बार गर्म किया गया तेल (फ्राईपेन नहीं, शत्रु है!)
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हाइली रिफाइंड कार्ब्स (hello, maida!)
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निष्क्रिय जीवनशैली और Netflix marathons
कैसे करें कोलेस्ट्रॉल का कचूमर?
1. शारीरिक गतिविधि अपनाइए:
जितना ज़्यादा चलेंगे, उतना कम बैठे रहेंगे — उतनी ही कम होगी वसा की जमा-पूंजी।
2. फाइबर-फाइबर खेलो:
दलिया, ओट्स, फल-सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज – ये न सिर्फ़ हाजमे में मदद करते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल को भी काबू में रखते हैं।
3. प्रोसेस्ड फ़ूड को कहें “टाटा-बाय-बाय”:
जी हां, इन्स्टा के लिए जितने भी fancy दिखने वाले स्नैक्स हैं, वो दिल के लिए उतने ही unfollow-worthy हैं।
4. धूम्रपान और शराब से दूरी:
यही दो चीजें हैं जो “दिल तोड़ने” में सबसे आगे हैं — literally!
पानी की भी है भूमिका:
डिहाइड्रेशन = गाढ़ा खून = थक्के = दिल की बत्ती गुल!
तो दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं — और “बस चाय से नहीं चलेगा!”
क्या सिर्फ़ लाइफस्टाइल काफी है?
नहीं!
अगर आपके LDL लेवल stubborn हो गए हैं, तो डॉक्टर की मदद लेना ज़रूरी है। समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल जांच कराते रहें। जब तक आप बर्गर के साथ एक्स्ट्रा चीज़ मांगते रहेंगे, तब तक रिपोर्ट में एक्स्ट्रा LDL आता रहेगा।
“कोलेस्ट्रॉल एक साइलेंट खिलाड़ी है — जो मौका मिलते ही दिल पर फिनिशिंग मूव मार देता है।”
इसलिए, अगली बार जब समोसे की खुशबू आए, तो दिल से नहीं — दिमाग से फैसला करें।
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